संघ संचालक पूज्य श्री नरेश चंद्र जी महाराज का चातुर्मास हेतु आज भव्य मंगल प्रवेश हुआ

संघ संचालक पूज्य श्री नरेश चंद्र जी महाराज का चातुर्मास हेतु आज भव्य मंगल प्रवेश हुआ

Grand Mangal Pravesh was held for the Chaturmas

Grand Mangal Pravesh was held for the Chaturmas

अर्थ प्रकाश 
सुभाष जैन
पानीपत

पानीपत, 24 जून। Grand Mangal Pravesh was held for the Chaturmas: जैन धर्म के तपोमयी परंपरा में चातुर्मास एक अत्यंत पुण्यदायी और अनुशासनमय साधना का समय माना जाता है। इसी क्रम में मंगलवार को पूज्य गुरुदेव श्री सुदर्शन लाल जी महाराज के दिव्य संघ के नाथ, संघ संचालक पूज्य श्री नरेश चंद्र जी महाराज के कुशल नेतृत्व में तपस्वी रत्न, वात्सल्य निधि पूज्य श्री नरेंद्र मुनि जी महाराज (ठाणे-8) का चातुर्मास हेतु सूर्य नगर जैन स्थानक, में भव्य मंगल प्रवेश संपन्न हुआ। 

प्रातः 7:30 बजे विवेक विहार जैन स्थानक से पूज्य मुनिराज श्री का मंगल विहार प्रारंभ हुआ, जिसमें श्री संघ के असंख्य श्रद्धालुओं ने उमंग-उल्लास के साथ भाग लिया। जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा स्वागत द्वार, गुरुओं के जयकारों से आकाश गुंजायमान हो गया और श्रधालुओं ने जुबानी भजनों  के माध्यम से पूज्य गुरुओं की अगवानी की गई।

पूरे नगर में धार्मिक उत्साह का वातावरण देखा गया। श्रद्धालु दर्शन लाभ लेकर आत्मिक शांति और पुण्य अर्जन की अनुभूति कर रहे हैं। इस अवसर पर, पानीपत  से एक विशेष बस एवं अपने निजी वाहनों से सेंकड़ों की संख्या में श्रद्धालू आयोजन स्थल पर पहुंचे , आज हजारों की संख्या में  भक्तगण इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने। 

बाक्स : भक्त के बस में भगवान 

लोगो ने आज साक्षात देखा की वास्तव में भक्त के बस में भगवान होते है क्योंकि श्री नरेश चंद्र जी महाराज को पंजाब में विचरते हुये हार्ट की जोरदार दिक्कत आई और उनका बठिंडा में इलाज हुआ। फिर भी इन्होंने धीरे धीरे चलते रहते हुये नरवाना में पहुंचकर पूर्व निर्धारित साधु साध्वियों का सम्मेलन करवाया। और बड़ी हीविवेक नगर का चातुर्मास घोषित कर बड़ी दिलेरी दिखाई यह सब विवेक नगर के भक्तों की श्रधा का ही प्रताप है । और उसके बाद भी चलते चलते हरियाणा दिल्ली के अलेको अनेक स्थानों पर विचरते हुये आज का यह शुभ दिन सम्पन किया और इस 
विवेक नगर एवं अन्य स्थानों को दिया चातुर्मास का जोरदार प्रवेश करके दिखा दिया की वास्तव में भक्त के बस में भगवान होते है। ऐसे महान गुरुओं के चरणों में बार बार वंदन अभिनंदन है। 

श्री संघ द्वारा सभी श्रद्धालुजनों को सपरिवार आमंत्रित किया गया था कि वे इस पुण्यमयी अवसर पर अपनी उपस्थिति देकर पूज्य गुरुओं की कृपा प्राप्त करें।